भारतीय रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) ने मार्च तिमाही (Q4) के नतीजे जारी कर दिए हैं। जहां कंपनी के मुनाफे में मामूली 2% की गिरावट देखी गई, वहीं रेवेन्यू में 4% की बढ़ोतरी ने निवेशकों को उम्मीद की नई किरण दिखाई है। चलिए जानते हैं विस्तार से क्या रहे इस तिमाही के मुख्य आंकड़े।
मुनाफे में 2% की गिरावट
IRFC का शुद्ध मुनाफा इस बार की मार्च तिमाही में 2% घटकर ₹1,328 करोड़ रह गया है। पिछले वर्ष इसी अवधि में मुनाफा ₹1,337 करोड़ रहा था। हालांकि गिरावट बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन कंपनी के प्रदर्शन पर इसका हल्का सा असर जरूर पड़ा है।
रेवेन्यू में 4% की बढ़त
अगर बात करें IRFC के रेवेन्यू की तो इस तिमाही में कंपनी ने शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का कुल राजस्व 4% बढ़कर ₹6,473 करोड़ पर पहुंच गया है, जो निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इस बढ़त का मुख्य कारण लोन वितरण और ब्याज दरों में स्थिरता को माना जा रहा है।
IRFC के भविष्य को लेकर क्या है एक्सपर्ट्स की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही इस तिमाही में मुनाफे में हल्की गिरावट आई है, लेकिन राजस्व वृद्धि बताती है कि कंपनी की फंडामेंटल स्थिति मजबूत बनी हुई है। आने वाले समय में रेलवे क्षेत्र में निवेश बढ़ने के कारण IRFC के प्रदर्शन में सुधार की संभावना है।
निवेशकों के लिए क्या संकेत हैं?
जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए IRFC अभी भी एक मजबूत विकल्प बन सकता है। कंपनी का फिक्स्ड इनकम बिजनेस मॉडल और सरकार का समर्थन इसे अन्य कंपनियों की तुलना में सुरक्षित निवेश विकल्प बनाता है।
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